स्वस्थ परिवार के लिए बच्चों में अंतर अवश्य बनायें दो बच्चों के बाद महिला व पुरुष नसबंदी अपनायें, खुशहाल परिवार बनायें , प्रत्येक माह की 21 तारीख को मनाया जाता है, खुशहाल परिवार दिवस - State Media

Wednesday, December 22, 2021

स्वस्थ परिवार के लिए बच्चों में अंतर अवश्य बनायें दो बच्चों के बाद महिला व पुरुष नसबंदी अपनायें, खुशहाल परिवार बनायें , प्रत्येक माह की 21 तारीख को मनाया जाता है, खुशहाल परिवार दिवस

 स्वास्थ्य केन्द्रों पर मनाया खुशहाल परिवार दिवस 




चन्दौली /स्टेट मीडिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीपी द्विवेदी का कहना है कि मातृ एवं शिशु मृत्यु-दर में कमी लाने में परिवार नियोजन सेवाओं की एक अहम भूमिका होती है। इसी उद्देश्य से जिले में प्रत्येक माह की 21 तारीख को  खुशहाल परिवार दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में दंपति की भागीदारी बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। इस कार्यक्रम में शामिल  होने के लिए तीन वर्ग के दंपतियों प्रोत्साहित किया जाता है। पहले में हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) वाली महिलाएं होती हैं, दूसरे में नव-विवाहित दंपति और तीसरे वर्ग में योग्य दंपति को शामिल किया जाता है। 

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/नोडल अधिकारी डॉ हेमंत कुमार ने बताया कि इस दिवस पर महिलाओं को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करना तथा उन्हें इसका महत्व समझाया जाता है। स्वस्थ परिवार के लिए बच्चों में अंतर, दो बच्चों के बाद महिला व पुरुष का नसबंदी जैसे साधनों का प्रयोग कर स्वस्थ व खुशहाल परिवार बन सकते हैं। जीवन काल में गर्भावस्था, प्रसव के समय व प्रसव के पश्चात स्वास्थ्य के मद्देनजर से अधिक महत्त्वपूर्ण होती है। इस दौरान प्रसूता की देखभाल के साथ ही पौष्टिक आहार व साफ–सफाई पर भी ध्यान देने के लिए जागरूक किया जाता है।  स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरु किया गए इस कार्यक्रम में महिलाओं को परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थाई साधनों की भी जानकारी दी जाती है।

यूपीटीएसयू के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने कहा कि  परिवार नियोजन सम्बन्धी जागरूकता लाने और आयोजन में दंपतियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी इकाइयों पर प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा सभी सुविधायें उपलब्ध करायी गयीं।  खुशहाल परिवार दिवस में शामिल होने के लिए तीन समूहों को प्रोत्साहित किया जाता है। पहले समूह में हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) वाली महिलाएं होती हैं। दूसरे समूह में नव-विवाहित दंपति और तीसरे समूह में तीन या उससे अधिक बच्चों वाले योग्य दंपति को शामिल किया जाता है। तथा उन्हें परिवार नियोजन के बारे में जानकारी देना और उनकी इच्छा के मुताबिक जरूरी नि:शुल्क साधन उपलब्ध कराया जाता हैं |  

उन्होने ने कहा बढ़ती हुई जनसंख्या एवं मातृ एवं शिशु-मृत्यु दर में नियंत्रण पाने के लिए जच्चा एवं बच्चा के स्वस्थ जीवन के लिए परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने के साथ महिलाओं को इसके लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य यह है कि  स्वस्थ महिला से स्वस्थ बच्चा और स्वस्थ परिवार की जड़ें मजबूत हो सकें। इसी उद्देश्य से जिले की सभी इकाइयों पर पोस्टर ,पम्फ़लेट के साथ ही परिवार नियोजन के साधनों को रखा गया है।  

जिले में आज महिलाओं के लिए गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा 60  आईयूसीडी 41 और पीपीआईयूसीडी 13 छाया 126  माला 156 कंडोम 1675 महिला नसबंदी 117 के साथ कंडोम वितरण किया गया।  सभी सेवाएँ नि:शुल्क उपलब्ध करायी गयीं।  

पीएचसी रामपुर कला चकिया  निवासी प्रियंका ने बताया कि मेरा एक बच्चे हैं,आशा दीदी के साथ परिवार नियोजन के साधन अपनायी, अब मुझे कोई दिक्कत नहीं है। महिला डॉक्टर द्वारा सारी जानकारी के साथ सुविधा दी गई। 

अनिता ने कहा की मेरी दो बच्ची है घर की स्थिति ठीक नहीं रहता है। मैं और अपने पति से बात कर परिवार नियोजन की सुविधा अपनायी।  अस्पताल से सारी सुविधायें निःशुल्क मिली हैं।

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