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चंदौली/स्टेट मीडिया ।राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत मंगलवार को आजादी के अमृत महोत्सव आइकॉनिक वीक ऑफ़ हेल्थ 3 से 9 जनवरी 2022 के अवसर पर मंगलवार को मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन जिला क्षय रोग केंद्र में किया गया। इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ डी एन मिश्रा ने कहा कि कोरोना वायरस व टीबी रोग के खिलाफ देश की लड़ाई को मजबूत करने के लिए जनसामान्य जागरूकता के बिना वह पूरा नहीं हो सकता है। इसलिए सभी से मेरी अपील है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही जन जागरूकता कार्यक्रम हों या स्वास्थ्य सम्बन्धी कोई भी योजना जब तक समुदाय उसमें भागीदारी नहीं करता वह सफल नहीं हो सकता।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने कहा कि टीबी रोग को हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसका समय से उपचार नहीं किया गया तो यह जानलेवा भी हो सकता है। कोरोना काल में टीबी मरीजों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। टीबी के मरीज को पूरा कोर्स करना चाहिए ,विभाग द्वारा बताए गए अवधि तक दवा का लगातार सेवन करना चाहिए। बीच में दवा छोड़ देने से बीमारी खतरनाक रूप ले लेती है जिसे मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी कहा जाता है | मरीज का सही एवं सम्पूर्ण इलाज न होने के कारण उसकी जान भी जा सकती है | इसलिए टीबी के लक्षण नजर आने पर अपनी जाँच और पूर्ण इलाज जरुर करवाना चाहिए। दो सप्ताह या उससे अधिक समय से लगातार ख़ासी का आना, ख़ासी के साथ बलगम में खून आना , वजन का घटना एवं भूख कम लगाना,प्रभावित अंग के अनुसार लक्षण |
कोरोना काल में इस तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है। टीबी मरीज के खाँसते और छींकते समय मुँह और नाक से निकलने वाली बारीक बूंदों से फैलती है। इसलिए टीबी के लक्षण नजर आने पर अपनी जाँच और इलाज जरुर करवाना चाहिए।
जिला कार्यक्रम समन्वक पुजा राय ने बताया कि आईकानिक वीक ऑफ़ हेल्थ 9 जनवरी तक मनाया जायेगा | इस दौरान जिले में विभिन्न गतिविधियों द्वारा 5 व 6 जनवरी को स्कूल,कालेज मदरसा,एनसीसी और एनएसएस के छात्रों को, 7 और 8 जनवरी को धर्मगुरुओं को और 9 जनवरी को जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक,नुककड़ नाटक के माध्यम से जन सामुदायिक को क्षय रोग के प्रति जागरूक किया जायेगा |
एक नजर आंकड़ों पर - जनवरी 2021 से दिसम्बर तक 2815 टीबी मरीजों को इलाज पर रखा गया | जिसमें जनवरी 2021 से अब तक कुल 1034 टीबी रोगी स्वस्थ हो चुके, शेष इलाज पर हैं ।अब तक टीबी रोगियों को निःक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रति माह के हिसाब से लगभग 51 लाख रूपये का भुगतान किया गया।
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