आनलाइन संस्कृत शिक्षण से किया कीर्तिमान स्थापित, संस्कृत सेवा पोर्टल की योजना अग्रसर - विनय श्रीवास्तव - State Media

Monday, March 27, 2023

आनलाइन संस्कृत शिक्षण से किया कीर्तिमान स्थापित, संस्कृत सेवा पोर्टल की योजना अग्रसर - विनय श्रीवास्तव

 


चंदौली। स्टेट मीडिया। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा कोरोना काल से ही निरंतर ओनलाइन कक्षाएं संचालित हैं । जो अपने आप में एक बहुत बडी उपलब्धि हैं। किसी भी प्रदेश की अकादमी के लिए इस प्रकार का काम आसान नहीं हैं । संस्थान ने 2022-23 के वित्त वर्ष में 570 कक्षाओं के द्वारा  32462  पंजीकृत शिक्षार्थियों को  अपनी ओनलाइन कक्षा में आमंत्रित किया । उनमें से प्रायः 12943 शिक्षार्थी  पूरे मासिक सत्र में  प्रतिदिन उपस्थित रहे । शिक्षणोत्तर आयोजित परीक्षा में लगभग 9803 शिक्षार्थियों ने भाग लिया जिनमें 8765 शिक्षार्थियों ने उत्तीर्ण होकर प्रमाण पत्र प्राप्त किया । इसी प्रकार वर्ष 2021-22 में 404 कक्षाओं के माध्यम से 36733 पंजीकृत, 13930 उपस्थित , 9608 परीक्षार्थी तथा  8469 शिक्षार्थियों ने उत्तीर्ण होकर प्रमाण पत्र प्राप्त किया । इसी क्रम में 2020 में लगभग 8000 पंजीकृत में 5000 को पढाया गया। जिनमें 4000 परीक्षा देकर उत्तीर्ण हुएं।  यह उपलब्धि अपने आप पहचान हैं । इस क्रम में  संस्कृत सेवा पोर्टल के माध्यम से संस्थान के प्रशिक्षित योग पौरोहित्य शिक्षक का डाटा अपडेट होगा जिससे व्यक्ति घर बैठे लाभ प्राप्त कर सके । उक्त बातें विनय श्रीवास्तव ने कहीं। 

योजना सर्वेक्षिका चंद्रकला शाक्या ने बताया कि https:/sanskritsambhashan.com/ लिंक् के माध्यम से अपनी सौविध्य के अनुरूप किसी भी समय का  पंजीयन कर 20 दिवसीय एक घंटात्मिका कक्षा को गूगल मीट के माध्यम से जुड़ कर प्रथम व द्वितीय स्तर के पाठ्यक्रम को पढ सकते हैं जो

 बिल्कुल निःशुल्क हैं। शिक्षकों का अभिमुखीकरण कर तृतीय स्तर के पाठ्यक्रम को भी  तैयार किया जाएगा। 

वहीं प्रशिक्षण प्रमुख सुधीष्ठ मिश्र ने बताया कि जो शून्य से आरंभ करना चाहते हैं वे प्रथम तथा जिंहे भाषा का आरंभिक ज्ञान हैं वे द्वितीय स्तर के पाठ को पढ सकते हैं । यह पाठ आकर्षक रीति से सुसज्जित  पीपीटी  द्वारा पढाया जाता है। शिक्षक शिक्षार्थी संवाद के माध्यम से शिक्षण

 में भाग लेते हैं। हमारे समन्वयक गण धीरजमैठाणी , राधाशर्मा व दिव्यरंजन की  रिपोर्ट के अनुसार शिक्षार्थियों का मानना हैं कि  आजकल की  व्यस्ततम  जीवन में जहां प्रत्यक्ष रूप संस्कृत की कक्षाओं में भाग लेना सहज नहीं हैं । उस स्थिति मे संस्थान की आनलाइन कक्षा एक अच्छा विकल्प हैं । निरंतर चलता रहे तो और लोग भी लाभान्वित होंगे।

 वहीं प्रशिक्षक पंकज शर्मा ने अप्रैल माह की कक्षाओं  के पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित किया ।

बता दें कि कि संस्थान के 50 प्रशिक्षक इस योजना के माध्यम से संस्कृत भाषा शिक्षण कक्षाओं को संचालित कर रहे  हैं । साथ ही समारोप सत्र में  मीनाक्षी, धर्मेन्द्र, सुप्रिया आदि ने अपना अनुभव सुनाया ।

आनलाइन कार्यक्रम में आभासिक रूप से सभी शिक्षार्थी संस्थान के पदाधिकारी , सामाजिक संस्कृताभिमानी समुपस्थित रहे।

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