चकिया । चंदौली । स्टेट मीडिया । प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चकिया में शुक्रवार को स्टाफ नर्सों ने केक काटकर नर्सेज दिवस मनाया गया । नर्सिंग सेवा की शुरूआत करने वाली 'फ्लोरेंस नाइटइंगेल' के जन्म दिवस पर हर साल विश्व स्तर पर 12 मई को नर्स दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को पहली बार वर्ष 1965 में मनाई गयी थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा नर्सेज डे मनाने का कार्य करते है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नर्स दिवस को मनाने का प्रस्ताव पहली बार अमेरिका के स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण विभाग के अधिकारी ‘डोरोथी सदरलैंड’ ने प्रस्तावित किया था। अंतत अमेरिकी राष्ट्रपति डी.डी. आइजनहावर ने इसे मनाने की मान्यता प्रदान की। इस दिवस को पहली बार वर्ष 1953 में मनाया गया। अंतरराष्ट्रीय नर्स परिषद ने इस दिवस को पहली बार वर्ष 1965 में मनाया। नर्सिंग पेशेवर की शुरूआत करने वाली प्रख्यात ‘फ्लोरेंस नाइटइंगेल’ के जन्म दिवस 12 मई को नर्स दिवस के रूप में मनाने का निर्णय वर्ष 1974 में लिया गया। तभी से हर साल 12 मई को नर्स को सम्मनित करने के लिए दिवस के रूप में मनाया जाता है। मरीज के इलाज के लिए चिकित्सक के साथ साथ नर्स की अहम भूमिका रहती है । उक्त बातें नर्सेज दिवस के अवसर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चकिया के एमवाईसी डॉ विकास कुमार सिन्हा ने कहीं ।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चकिया की डॉ अमृता सिंह ने बताया कि नर्स को सम्मानित करने के लिए तथा उन्हें अपने कार्यों में उत्साह बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नर्स दिवस अथवा नर्स डे मनाया जाता है। रोगियों के कल्याण के लिए नर्सिस को शिक्षित और प्रशिक्षित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
स्टाफ नर्स बिभा सिंह ने बताया कि नर्स दिवस दिवस नर्सों का सम्मान का दिन होता है। मरीज के प्रति अपना जीवन उनको ठीक करने तथा उनका देखभाल करने के लिए हर समय तैयार रहना यही नर्स की महानता को दर्शाता है।
स्टाफ नर्स प्रिया सिंह ने बताया कि नर्स दिवस का महत्व / नर्स डे की महत्व जैसे की हम सभी जानते है कि नर्सिंग को विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य पेशे के रूप में माना जाता है। नर्सिस को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्तर जैसे सभी पहलुओं के माध्यम से रोगी की देखभाल करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित, शिक्षित और अनुभवी होना चाहिए। जब चिकित्सक दूसरे रोगियों को देखने में व्यस्त होते है, तब रोगियों की पुरे दिन देखभाल करने के लिए नर्सिस की सुलभता और उपलब्धता होती हैं। नर्सिस से रोगियों के मनोबल को बढ़ाने वाली और उनकी बीमारी को नियंत्रित करने में मित्रवत, सहायक और स्नेहशील होने की उम्मीद की जाती है। मरीज के प्रति अपना जीवन उनको ठीक करने तथा उनका देखभाल करने के लिए हर समय तैयार रहना यही नर्स की महत्वता को दर्शाता है।
स्टाफ नर्स विजया लक्ष्मी ने बताया कि - मरीजों के लिए अपना जीवन समर्पित करने के लिए तथा उनका हौशला बढ़ाने और उन्हें अच्छी तरह ठीक करने के लिए अपनी कड़ी मेहनत करती हैं । उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना करने के लिए ये एक दिवस के रूप में मनाये जाने की शुरुआत हुई। मरीज के प्रति अपना जीवन उनको ठीक करने तथा उनका देखभाल करने के लिए हर समय तैयार रहना यही नर्स की महत्वता को दर्शाता है ।
स्टाफ नर्स स्वाती सिंह ने बताया कि बीमार या रोगी के स्वास्थ्य के लिए एक डॉक्टर की भूमिका महत्वपूर्ण है तो वहीं डॉक्टर के साथ ही नर्स भी अहम रोल निभाती हैं। जहां विगत वर्षों में कोरोना काल में डॉक्टर और नर्स कोरोना वॉरियर्स या योद्धा कहलाएं। उस दौरान डॉक्टरों से साथ ही नर्सेस ने दिन रात लोगों की सेवा की। उनकी इसी सेवाभाव को सम्मान देने के लिए सालों से हर साल मई में नर्स दिवस मनाया जाता है। 12 को मई अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। कोरोना काल में नर्स की भूमिका को लोगों ने समझ लिया। मरीज़ों के इलाज में एक नर्स की निस्वार्थ सेवा और समर्पण को शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है। हर साल 12 मई के दिन दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है।इस दौरान स्टाफ नर्स स्वाती सिंह, प्रिया सिंह, विजयलक्ष्मी, बिभा सिंह, एएनएम, रूबी, बबिता सिंह ,सुष्मिता सिंह , डॉ एसएन सिंह एचईओ शिवप्रकाश, डॉ विनोद कुमार गुप्ता, डॉ जयराम, वरिष्ठ फर्माशिष्ट आनंद कुमार मिश्रा, राजेश श्रीवास्तव, बड़े बाबू केशवदास, एआरओ विनोद कुमार, आपरेटर संजय कुमार सहित समस्त कर्मचारी भी मौजूद रहे।
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